विलयन की परिभाषा –
विलयन की परिभाषा : दो या दो से अधिक पदार्थो का संमागी मिश्रण को विलयन कहते हैं।
(i) विलेय – वह घटक जो विलयन में कम मात्रा में उपस्थित होता है, विलेय कहलाता है।
(ii)
विलायक – सामान्यतया वह घटक जो विलयन में अधिक मात्रा में उपस्थित होता है, विलायक कहलाता है।
विलयन = विलेय + विलायक
(iv) विलयन तथा विलायक की भौतिक अवस्था समान होती है।
(v) जब विलयन में दो रासायनिक पदार्थ होते हैं तो विलयन द्विअंगी विलयन कहलाता है।
इसी तरह से जब तीन या चार रासायनिक पदार्थ होते हैं तो क्रमशः त्रिअंगी (ternary) तथा चर्तुअंगी विलयन कहलाते हैं।
विलयन के गुण धर्म–
(i) विलयन में एक ही अवस्था होती है अर्थात यह एकल अवस्था तंत्र है।
(ii) विलयन पूर्ण रूप से एक समान होता है, इसलिए इसके गुण घनत्व, अपवर्तनांक आदि समान होते हैं।
(iii) विलयन के घटकों को भौतिकीय तरीकों द्वारा आसानी से पथक नहीं किया जा सकता है।
(iv) विलयन में विलेय के कणों का आकार 10-7 से 10 8 सेमी. होता है।
(v) विलयन के गुणधर्म इसके घटकों के गुणधर्म होते हैं अर्थात घटक जब विलयन बनाते है तो अपने गुणधर्मों को नहीं खोते हैं।
(vi) विलयन के कुछ गुण जैसे घनत्व, श्यानता, पष्ठ तनाव, क्वथनांक, हिमांक आदि, विलयन के संघटन के साथ-साथ परिवर्तित होते हैं।
विशेष बिन्दु : सामान्यतः गैस में द्रव का तथा गैस में ठोस का विलयन नहीं बनता क्योंकि यह घटक मिलकर संमागी मिश्रण नहीं बनाते।
(II) विलयन की सान्द्रता के आधार पर प्रकार –
(i)
तनु विलयन : विलयन जिसमें विलायक की मात्रा की तुलना में विलेय की कम मात्रा घुली हो तनु विलयन कहलाता है।
(ii) सान्द्र विलयन : विलयन जिसमें तुलनात्मक अधिक मात्रा में विलेय उपस्थित हो, सान्द्र विलयन कहलाता है।
(
iii) संतप्त विलयन : विलेय की ग्राम में अधिकतम मात्रा, जो कि एक निश्चित ताप पर 100 ग्राम विलायक में घुल सकती है, विलेय की विलेयता कहलाती है, एवं इस प्रकार के विलयन को संतप्त विलयन कहते है।
(iv) अति संतप्त विलयन : वह विलयन जिसमें एक निश्चित ताप पर उस विलयन की संतप्त अवस्था के लिए आवश्यक मात्रा से अधिक मात्रा में विलेय उपस्थित हो अति संतप्त विलयन कहलाता हैं |
विलयन की सामर्थ्य अथवा सान्द्रता का प्रदर्शन
“किसी विलयन के इकाई आयतन में घुले हुये विलेय की मात्रा उस विलयन की सान्द्रता कहलाती है।”,
(i) भार-भार प्रतिशत (w/W) –
सान्द्रता को निम्न प्रकार से प्रदर्शित कर सकते है।
100 ग्राम विलयन में घुले हुये विलेय की ग्राम में मात्रा भार-भार प्रतिशत कहलाती है।
(iii) भार-आयतन प्रतिशत (w/V)
100 मिली विलयन में विलेय की घुली ग्राम में मात्रा भार-आयतन प्रतिशत कहलाती है।
अध्याय 2 विलयन Unit 2 Solution
विलयन की परिभाषा, सान्द्रता के आधार पर प्रकार
विलेयता | वाष्प दाब | हेनरी का नियम |
राऊल्ट का नियम उनकी सीमायें | वाष्प दाब
आदर्श एवं अन आदर्श विलयन
स्थिर क्वाथी मिश्रण | अणुसंख्य गुणधर्म | क्वथनांक में उन्नयन, हिमांक में अवनमन
वान्ट हॉफ गुणक (i)
क्रिस्टल तन्त्र व क्रिस्टल जालक किसे कहते है? क्रिस्टलीय तन्त्र के प्रकार
फॉर्मलता (Formality) –
किसी एक लीटर विलयन में घुले हुए विलेय के भारों (formula weight) की संख्या उस विलयन की फॉर्मलता कहलाती है। इसे ‘F’ से प्रदर्शित किया जाता है।
(v) मोलरता:- किसी एक लीटर विलयन में घुले हुऐ विलेय पदार्थ के मोलों की संख्या उस विलयन की मोलरता कहलाती है। इसे ‘M’ से प्रदर्शित करते हैं।
(vi) मोललता (Molality):- 1000 ग्राम (1किलोग्राम) विलायक में घुले हुऐ विलेय पदार्थ के मोलों की संख्या उस विलयन की मोललता कहलाती है। इसे ‘m’ से प्रदर्शित करते हैं।
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