4.9 स्पष्ट कीजिए कि Cu+ आयन जलीय विलयन में स्थायी नहीं है, क्यों? समझाइए।

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4.9 स्पष्ट कीजिए कि Cuआयन जलीय विलयन में स्थायी नहीं है, क्यों? समझाइए।

  • Cu(aq)+ से Cu(aq)2+ अधिक स्थायी होता है। इसका कारण यह है कि कॉपर की द्वितीय आयनन एन्थैल्पी अधिक होती है,
  • Cu+2(aq) = जल के साथ आंशिक बन्ध बनते समय जलयोजन ऊर्जा, Cu+(aq) की अपेक्षा अधिक मुक्त होती है | जो Cu+2(aq) को स्थायित्व प्रदान करती है |
  • अत: अनेक कॉपर (I) यौगिक जलीय विलयन में अस्थायी होते हैं |

2 Cu(aq)+  → Cu(aq)2+  + Cu(s)

Cu29 = 1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s1

Cu+28 = 1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s0

Cu+227 = 1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d9, 4s0

नोट- कम ऊर्जा = कम क्रियाशील = अधिक स्थायी

पाठ्यनिहित प्रश्नोत्तर (Intext Question Answer)
4.1 सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?
4.2 श्रेणी, Sc (Z = 21) से Zn (Z = 30) में, ज़िंक की कणन एन्थैल्पी का मान सबसे कम होता है, अर्थात् 126 kJ mol−1; क्यों?
4.3 संक्रमण तत्वों की 3d श्रेणी का कौन-सा तत्व बड़ी संख्या में ऑक्सीकरण अवस्थाएँ दर्शाता है एवं क्यों?
4.4 कॉपर के लिए EΘ(M2+/M), का मान धनात्मक (+0.34 V) है। इसके संभावित कारण क्या हैं? (संकेत – इसके उच्च ΔaHΘ और ΔhydHΘ पर ध्यान दें।)
4.5 संक्रमण तत्वों की प्रथम श्रेणी में आयनन एन्थैल्पी (प्रथम और द्वितीय) में अनियमित परिवर्तन को आप कैसे समझाएँगे?
4.6 कोई धातु अपनी उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था केवल ऑक्साइड अथवा फ्लुओराइड में ही क्यों प्रदर्शित करती है?
4.7 Cr2+ और Fe2+ में से कौन प्रबल अपचायक है, और क्यों?
4.8 M2+(aq) (Z = 27) के लिए ‘प्रचक्रण-मात्र’ चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
4.9 स्पष्ट कीजिए कि Cu+ आयन जलीय विलयन में स्थायी नहीं है, क्यों? समझाइए।
4.10 लैन्थेनॉयड आकुंचन (संकुचन) की तुलना में एक तत्व से दूसरे तत्व के बीच ऐक्टिनॉयड आकुंचन (संकुचन) अधिक होता है। क्यों?
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