सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?

सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?

4.1 सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?

पाठयपुस्तकNCERT रसायन विज्ञान कक्षा 12
कक्षाChemistry Class 12
विषयd और f ब्लॉक के तत्व के सभी पाठ्यनिहित प्रश्न का हल देखे
अध्याय का नामd और f ब्लॉक के तत्व
माध्यमहिन्दी Chemistry Ncert Solution In hindi
पाठ्यनिहित प्रश्न क्रमांक4.4

उत्तर- सिल्वर (Z = 47), सिल्वर का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 4d105s1 है। +1 ऑक्सीकरण अवस्था के अलावा +2 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित कर सकता है तथा जब +2 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है तो d- कक्षक अपूर्ण भरा होता है, अत: यह एक संक्रमण तत्व है।

Video Solution- सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?

पाठ्यनिहित प्रश्नोत्तर (Intext Question Answer)
4.1 सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?
4.2 श्रेणी, Sc (Z = 21) से Zn (Z = 30) में, ज़िंक की कणन एन्थैल्पी का मान सबसे कम होता है, अर्थात् 126 kJ mol−1; क्यों?
4.3 संक्रमण तत्वों की 3d श्रेणी का कौन-सा तत्व बड़ी संख्या में ऑक्सीकरण अवस्थाएँ दर्शाता है एवं क्यों?
4.4 कॉपर के लिए EΘ(M2+/M), का मान धनात्मक (+0.34 V) है। इसके संभावित कारण क्या हैं? (संकेत – इसके उच्च ΔaHΘ और ΔhydHΘ पर ध्यान दें।)
4.5 संक्रमण तत्वों की प्रथम श्रेणी में आयनन एन्थैल्पी (प्रथम और द्वितीय) में अनियमित परिवर्तन को आप कैसे समझाएँगे?
4.6 कोई धातु अपनी उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था केवल ऑक्साइड अथवा फ्लुओराइड में ही क्यों प्रदर्शित करती है?
4.7 Cr2+ और Fe2+ में से कौन प्रबल अपचायक है, और क्यों?
4.8 M2+(aq) (Z = 27) के लिए ‘प्रचक्रण-मात्र’ चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
4.9 स्पष्ट कीजिए कि Cuआयन जलीय विलयन में स्थायी नहीं है, क्यों? समझाइए।
4.10 लैन्थेनॉयड आकुंचन (संकुचन) की तुलना में एक तत्व से दूसरे तत्व के बीच ऐक्टिनॉयड आकुंचन (संकुचन) अधिक होता है। क्यों?
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