सम दैशिकता व विषम दैशिकता किसे कहते है? samdaisikta wa visamdaisikta me antar

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सम दैशिकता व विषम दैशिक किसे कहते है? samdaisikta wa visamdaisikta me antar bataye | सम दैशिकता व विषम दैशिकता की परिभाषा सहित उदहारण लिखो

सम दैशिकता किसे कहते है ?

ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक, विधुत , ऊष्मा चालकता व यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान आते है तो इन्हे सम दैशिक ठोस कहते है। और इस गुण को सम दैशिकता कहते है। Note: अक्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कण निश्चित क्रम में नहीं होते अतः ये सम दैशिक है।

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विषम दैशिक किसे कहते है ?

ठोसों के भौतिक गुण जैसे – अपवर्तनांक विधुत, ऊष्मा चालकता , व यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान नहीं आते है तो उन्हें विषम दैशिक ठोस कहते है इस गुण को विषम दैशिकता कहते है।

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समदैशिकता और विषम दैशिकता में अंतर

समदैशिकता

विषम दैशिकता

ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक, विधुत , ऊष्मा चालकता व यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान आते है तो इन्हे सम दैशिक ठोस कहते है। और इस गुण को सम दैशिकता कहते है।ठोसों के भौतिक गुण जैसे – अपवर्तनांक विधुत, ऊष्मा चालकता , व यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान नहीं आते है तो उन्हें विषम दैशिक ठोस कहते है इस गुण को विषम दैशिकता कहते है।
अक्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कण निश्चित क्रम में नहीं होते अतः ये सम दैशिक है।
क्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कण निश्चित क्रम में नहीं होते अतः ये विषम दैशिक है।